Sunday 16 October 2016

समय का चक्र .....

alka awasthi
 Image result for images time

समय कहाँ भर पाता  घाव 
वो तो बड़ी सहजता,  सुगमता से 
कुरेदता  सपने... 

समय अक्खड़ -अडिग 
मुस्कुराता उसी ठौर 
जहाँ बिखरे पड़े हों सपने ..

 समय बुनता  चक्र 
हम अदने से फंसते 
जाल में.. 

समय बेचारा सा
हो जाता बेबस 
जब उसकी दी  चोट के  बावजूद 
उठ खड़ा होता कोई

सुनो  हे समय 
मेरे दर्द की दवा 
पूँछूँगी  तुम्ही से 
एक  बारगी ही सही 
कहीं मिलो तो मुझसे ....

  

1 comment:

  1. समय नहीं देता घाव
    समय नहीं भरता घाव
    घाव विश्वास,मासूमियत,से होते हैं
    समय की ऊँगली थामकर
    मन मरहम लगाता है

    ReplyDelete