फलानी दुकान से
लानी है किताबें
स्कूल में दिलाना है दाखिला ..
फलाने दर्जी से
सिलवानी है यूनिफार्म
जिससे बच्चे की
फिटिंग बैठे ....
फलाने हलवाई से
लाने हैं लड्डू
दाखिले की
खुशी जो है
साइकिल का टायर
फिर बनवा लूंगा ....
दिन -महीने और
जाने कितने साल
फलां -फलां करके
काट दिए तुमने....
जाने कहां कहां से चुने
फूल जीवन के
बिना देखे
सबमें बांट दिए तुमने ....
सुनो हे पिता
तुम्हारा तप
तुम्हारा त्याग
तुम्हें ईश्वर से
बेहतर बनाता है
मेरे लिए सर्वोपरि हो तुम.....
बहुत खूब
ReplyDeletehttp://hradaypushp.blogspot.in/2009/11/gagan.html