तुमसे बतियाना
जैसे मरुस्थल का
एकाएक हरा हो जाना
लू के थपेड़ों के मैदान में
सघन पीपल का गुनगुनाना
तुमसे बतियाना . . .
यानी-------
कैलेण्डर की उस तारीख का फूल बन जाना
जैसे घड़ी की सुइयों का खिलखिलाना
उसके बाद भी देर तक
मेरे अंतर्मन में उग आये
कमल पत्तों पर
तुम्हारा थिरकना
तुम्हारा मुझे
अच्छा आप हैं वही.......
कहने का अर्थ है
मेरे शब्द कोष में
नाचते मेघों तले
रिमझिम संगीत लिए
पोखर का झील बन जाना
गेहूं की पकी फसलों का
सुनहरी झील बन जाना
तुमसे बतियाना .........
और टिमटिमाते तारे
तारों में तुम्हें तलाशना
बहना अश्रु झिपों से झर -झर. . . .
तुमसे बतियाना .........
और टिमटिमाते तारे
तारों में तुम्हें तलाशना
बहना अश्रु झिपों से झर -झर. . . .
तुमसे बतियाना .........
तुमसे बहुत गहरा रिश्ता है
ReplyDeleteक्योंकि तुम्हारे हर शब्द अर्थ रखते हैं
मुझमें मेरी विशेषता बनकर