अब जाना तूफां से डरना क्या है !
दूर तक फैले समंदर को ,
घंटो निहारा है मैंने ,
अब देखा .....
लहरों का बिखरना क्या है !
जिन मौजों पर पतवारों से ,
खेला करते थे हम ,
अब समझे .......
मौजों का रहना क्या है !
आज फिर झूम के ,
बरस गए बदरा,
अब जाना ..........
बूंदों का बहना क्या है !
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